शामली। जल्द ही जीएसटी का फर्जी तरीके से अन्य व्यापारियों के नाम से फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने पर रोक लग सकेगी। गुजरात की तर्ज पर जल्द ही व्यापारियों का बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन होगा। जिसका ट्रायल शुरू करा दिया गया है।
इसके अलावा शामली और अन्य जिलों के विभागीय अधिकारियों से भी व्यापारियों के बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन के लिए सुझाव मांगे गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने व्यापारियों से भी इस संबंध में सुझाव मांगे हैं। माना जा रहा है कि नए साल में व्यापारियों को बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन की सौगात मिल सकती है।
दरअसल, पिछले कुछ समय से जीएसटी के अधिकारियों को शिकायत मिल रही थी कि कई व्यापारियों का जीएसटी पंजीकरण उनकी जानकारी के बिना ही मोबाइल नंबर और अन्य दस्तावेजों के आधार पर कर दिया गया। जबकि उन्होंने कभी पंजीकरण के लिए एप्लाई ही नहीं किया। हालांकि, विभागीय अधिकारियों ने पंजीकरण कराने वाली फर्मों का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया था।
शामली मंडल में भी इस तरह के 20 से अधिक मामले अधिकारियों के सामने पहुंचे थे। जिनमें जांच करने पर पता चला था कि जिस स्थान पर फर्म दिखाई गई, वहां पर तालाब से लेकर क्लीनिक मिले थे। जिसकी रिपोर्ट भी अधिकारियों को भेजी गई थी।
शामली के जीएसटी विभाग के अधिकारियों से दिल्ली के विभागीय अधिकारियों ने व्यापारियों के जीएसटी रजिस्ट्रेशन के संबंध में सुझाव मांगे हैं। पूछा गया है कि बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन व्यवस्था कारगर होगी या नहीं। इसके अलावा दिल्ली में इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है। जल्द ही नई व्यवस्था के लागू होने की पूरी उम्मीद है। यही नहीं फर्जीवाड़ा करने वालों का भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा। संवाद
विभागीय अधिकारियों के अनुसार नई पंजीकरण पद्धति में आवेदक को विभिन्न पहचान दस्तावेजों के साथ अंगूठे का निशान देना होगा। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आवेदक वास्तविक है। जरूरत पड़ने पर जीएसटी आवेदक को भविष्य में सत्यापन के लिए बुलाया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अंकित गोयल और जिलाध्यक्ष अनुराग जैन का कहना है कि बायोमैट्रिक व्यवस्था लागू होने से धोखाधड़ी तो रुकेगी है ही साथ ही समय की भी बचत होगी। जल्द से जल्द व्यवस्था लागू होनी चाहिए। व्यवस्था लागू कराने की मांग को लेकर पिछले दिनों व्यापारी जीएसटी के अधिकारियों से भी मिले थे।