शामली। श्री सम्मेद शिखर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित करने पर सकल जैन समाज ने रोष व्यक्त किया है। इसके विरोध में छह जनवरी को शामली शहर में जिले भर से जैन समाज के महिला और पुरुष शांतिपूर्ण विरोध पैदल मार्च निकालेंगे।
तालाब रोड स्थित जैन धर्मशाला में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में सकल दिगंबर जैन समाज समिति शामली के अध्यक्ष आलोक जैन और संरक्षक मोहित जैन ने बताया कि झारखंड के गिरडीह जिले में स्थित श्री सम्मेद शिखर जैन समाज की आस्था का सबसे महत्वपूर्ण प्राचीन तीर्थ है। यह भूत, वर्तमान के सभी तीर्थंकरों की प्राचीन मोक्षस्थली है। वहां से 20 तीर्थंकर और अन्नंतानंत जैन मुनि मोक्ष को गए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने 22 फरवरी 2019 को गजट अधिसूचना जारी कर श्री सम्मेद शिखर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित किया और केंद्र सरकार द्वारा दो अगस्त 2019 को प्रकाशित अधिसूचना जारी की।
उन्होंने बताया कि अधिसूचना में मछली पालन व मुर्गी पालन को अनिवार्य किया गया है। इससे तीर्थ स्थल की पवित्रता भंग होगी। सरकार के इस कदम से देश और दुनिया का जैन समाज व्यथित और दुखी है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थल बनाने से धर्म नहीं बचेगा और पहचान खत्म भी होगी, जिसे जैन समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अपने पवित्र तीर्थ स्थल को बचाने के लिए जैन समाज हर स्तर पर विरोध करने को तैयार है। उनकी सरकार से मांग है कि श्री सम्मेद शिखर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल न बनाया जाए।
सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में शामली शहर में छह जनवरी को सुबह दस बजे जैन धर्मशाला से जिलेभर के जैन समाज के लोग शांतिपूर्ण विरोध पैदल मार्च निकालेंगे। इस अवसर पर समिति के महामंत्री प्रवीण जैन, कोषाध्यक्ष पंकज जैन, वीरेश जैन, रवि जैन, राजीव जैन, संजीव जैन, शिशिर जैन, अजय जैन, विजय जैन और अखिलेश जैन आदि मौजूद रहे।