शामली। केंद्र सरकार की तरफ से पिटबुल, डोगो अर्जेटिनो और रोडिशियन रिबैक समेत करीब 23 खुंखार नस्ल के कुत्तों की बिक्री व प्रजनन पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। अभी तक नगरपालिका में शहर में पालतु कुत्तों के पंजीकरण की कोई व्यवस्था नहीं है, जिस कारण पालिका के पास अभी तक यह जानकारी नहीं है कि शहर में किस नस्ल के कितने पालतु कुत्ते है। जबकि ज्यादातर घरों में कुत्ते पाले जा रहे हैं। इसके अलावा शहर में आवारा कुत्ते भी घूमते रहते हैं जो लोगों पर हमला कर घायल कर रहे हैं।
सीएचसी शामली में रोजाना 40 से 50 लोग एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। अब नगरपलिका ने पालतु कुत्ते का पंजीकरण कराने की तैयारी शुरू कर दी है। नगरपालिका के चेयरमैन अरविंद संगल ने बताया कि शहर में पालतु कुत्तों का पंजीकरण कराया जाएगा। पालतु कुत्ते के पंजीकरण होने से यह पता चल सकेगा कि शहर में किस नस्ल के कितने कुत्ते हैं। इनमें सरकार की तरफ से प्रतिबंधित नस्ल के कुत्ते पाए जाते हैं तो उनकी नसबंदी कराई जाएगी, जिससे उनके प्रजनन पर रोक लग सके।
शहर में घूमने वाले आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने के लिए रेलपार स्थित बंद चल रहे संगम बरातघर को शेल्टर होम बनाया जाएगा। आवारा कुत्ते की नसबंदी सहारनपुर की एक संस्था करेगी। नगरपालिका शामली की तरफ से संस्था को प्रति कुत्ता 1100 रुपये भुगतान किया जाएगा। पालिका चेयरमैन अरविंद संगल ने बताया कि सहारनपुर की संस्था की टीम एक अप्रैल से कुत्ते की नसबंदी का काम शुरू करेगी। शेल्टर होम में संस्था की तरफ से चिकित्सक व अन्य सदस्य रहकर कुत्तों की नसबंदी करने के बाद उनकी देखभाल के लिए चार से छह दिन तक रखा जाएगा। जिन कुत्तों की नसबंदी होगी, उस पर कोई ऐसा निशान या अन्य चिन्ह बनाया जाएगा, जिससे उस कुत्ते की नसबंदी होने की पहचान हो सकेगी।