शामली। केंद्रीय मंत्री और रालोद सुप्रीमो चौधरी जयंत सिंह बृहस्पतिवार को जिले में दो अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए। किवाना गांव में जहां पूर्व विधायक बलबीर सिंह के पौत्र की मृत्यु पर शोक संवेदना प्रकट की। वहीं, रालोद विधायक अशरफ अली के आवास पर पहुंचे। जहां पर अव्यवस्था देखते हुए चौधरी जयंत ने नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि किसान, मजदूर और आम जनता के लिए पार्टी हमेशा संघर्षरत रहेगी।
रालोद सुप्रीमो चौधरी जयंत सिंह किवाना गांव में पूर्व विधायक बलबीर के पौत्र के निधन पर शोक संवेदना प्रकट करने के लिए पहुंचे। इस दौरान रालोद नेता बिजेंद्र मलिक ने बेटे के निधन के बारे में जानकारी दी। यहां उनको आसपास गांव क्षेत्र के लोगों ने अपनी समस्याएं सुनाईं। तत्पश्चात रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी ने गांव किवाना निवासी पूर्व प्रधान नंद कुमार से मिलकर उनके पुत्र सुनील की तीन दिन पूर्व हुई मौत पर शोक व्यक्त किया और शोकाकुल परिवार को हिम्मत बंधाई।
इस दौरान केबिनेट मंत्री अनिल कुमार, सदर विधायक प्रसन्न चौधरी, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व विधायक राव वारिस, योगेन्द्र चैयरमैन, रालोद जिलाध्यक्ष वाजिद अली, आनंद छिल्ला, जिला पंचायत सदस्य अरविंद पंवार, उमेश पंवार आदि मौजूद रहे।
इसके बाद चौधरी जयंत सिंह थानाभवन में विधायक अशरफ अली के किला आवास पर पहुंचे। उनके साथ कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार भी रहे। इस दौरान मंत्री का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया।
इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से क्षेत्र के विकास, किसानों और मजदूरों की समस्याओं और पार्टी को मजबूत करने व नये लोगों को पार्टी से जोड़ने को लेकर चर्चा की। केंद्रीय मंत्री थानाभवन विधायक अशरफ अली खान के आवास पर लगभग आधा घंटा रुके। माना जा रहा है कि इस मुलाकात से पार्टी मजबूत होगी और नई ऊर्जा का संचार होगा, क्योंकि रालोद काफी समय से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने में जुटा हुआ है।
इस मौके पर जयंत चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों, मजदूरों और आम जनता के हक के लिए हमेशा संघर्षरत रहेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर पार्टी को मजबूत करने की अपील की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, विधायक मिथिलेश पाल, विधायक राजपाल बालियान, विधायक प्रसन्न चौधरी, पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस, विक्रांत निर्वाल, राजन जावला, ऋषिराज राझड़ आदि मौजूद रहे।
वर्तमान में जलालाबाद किले का प्रकरण सुर्खियों में है। मनहार खेड़ी समिति के पदाधिकारी किले को हिंदुओं का बता रहे हैं जबकि रालोद विधायक अशरफ अली किले को अपना पुश्तैनी बता रहे हैं। जयंत चौधरी जलालाबाद किले में पहुंचे मगर मीडिया से बचते नजर आए। सिर्फ इतना कहा कि अशरफ अली मेरा परिवार है और मैं सिर्फ परिवार से मिलने के लिए आया हूं। इसके बाद वहां से रवाना हो गए। कार्यकर्ताओं की बैठक भी जयंत को लेनी थी मगर अव्यवस्था के कारण बैठक नहीं ली।