शामली। गांव गोहरपुर निवासी युद्धवीर मलिक सेना की रेजीमेंट 180 एमएच मिसम आरी आर्मी आसाम में सूबेदार के पद पर तैनात थे। मंगलवार सुबह करीब साढ़े छह बजे पीटी परेड के दौरान उनके सीने में तेज दर्द हुआ। उन्हें तत्काल सेना के अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। वहां पर यूनिट के अधिकारियों व सैनिकों ने सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी। इसके बाद फ्लाइट से उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया गया। मंगलवार शाम को मेरठ होते हुए पैतृक गांव गोहरपुर में उनके आवास पर पार्थिव शरीर लाया गया।
सहारनपुर से सैनिकों की यूनिट भी गांव में पहुंची। इसके बाद गांव के शमशान घाट पर सैनिक सम्मान के साथ पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद गांव व क्षेत्र के गण्यमान्य लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई देेते हुए श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर लवली मलिक चेयरमैन, कृष्णवीर मलिक, कुलबीर मलिक, पवन मलिक, राजेंद्र मलिक,अंकुर मलिक,नगेंद्र, जोगेंद्र, आशीष, अंकित, अमित, मनोज आदि ने युद्धवीर मलिक के आकस्मिक निधन पर दुख व्यक्त किया।
परिजनों ने बताया युद्धवीर मलिक 1998 में सेना में भर्ती हो गए थे। देश सेवा का जज्बा उनके मन में जन्म से ही रहा। इसी जज्बे के साथ उन्होंने कई प्रमोशन पाकर सूबेदार के पद तक पहुंचे। उनके पिता सुखदेव सिंह भी सेना से सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। बड़े भाई परमवीर मलिक यूपी पुलिस में निरीक्षक के पद पर अमरोहा में तैनात है। चाचा जगदेव मलिक सेवानिवृत्त दरोगा है। मां कृष्णा देवी समेत पूरा परिवार युद्धवीर मलिक के आकस्मिक निधन पर गमगीन है।