शामली। शासन के आदेश पर जनपद के तीनों तहसील क्षेत्रों में मदरसों का सत्यापन कार्य शुरू कर दिया गया है। जिला प्रशासन का दावा है कि जिलेभर में अभी तक 84 मदरसे गैर मान्यता के संचालित होते हुए मिले हैं। गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में शामली में 26, कैराना में 29 व ऊन तहसील में 29 मदरसे शामिल हैं।हालांकि प्रशासन ने जिले में मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में अभी कुछ भी बताने इंकार कर दिया है।

शुक्रवार को एसडीएम सदर विशु राजा ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी अंशुल चौहान व खंड शिक्षा अधिकारी को साथ लेकर शामली के दिल्ली रोड स्थित मदरसा हाफिज जमिन शहीद का भौतिक सत्यापन किया। इस दौरान उन्होंने मदरसा संचालकों से 11 बिन्दुओं पर पूछताछ की। जिसमें मदरसे में छह शिक्षक व 80 छात्रों को दीनी तालीम देना पाया गया। मदरसा बोर्ड से रजिस्ट्रेशन न पाए जाने पर मदरसे से मुफ्ति जाकिर ने बताया कि उनका हाफिज जामिन शहीद के नाम से संस्था रजिस्टर्ड है, जिसके आधार पर ही वह बच्चों को सिर्फ मजहबी तालीम दे रहे हैं। इसके अलावा बच्चों को हिन्दी, अंग्रेजी की कोई तालीम देना नहीं पाया गया। इसके बाद एसडीएम ने गांव खेडीकरमू स्थित रहमानिया शेजुल कुरआन में पहुंचे, उन्होने मदरसे का सर्वेक्षण करते हुए जानकारी हासिल की। मदरसा गैर मान्यता प्राप्त पाया गया। गांव लिलौन स्थित मदरसा दारूल उलूम इमदादिया में सर्वेक्षण किया गया। मदरसा बोर्ड से मान्यता नहीं है। वह भी संस्था के रजिस्ट्रेशन पर बच्चों को सिर्फ मजहबी तालीम दे रहे हैं। शुक्रवार को पहले दिन तीन मदरसों को सर्वेक्षण किया गया, जिसमें तीनों ही मदरसे गैर मान्यता प्राप्त निकले।