
शामली। शुक्रवार को सहारनपुर और मुजफ्फरनगर के औषधि निरीक्षकों की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची। टीम के पहुंचने की सूचना पर शामली के अधिकांश मेडिकल स्टोर के शटर बंद हो गए। टीम ने शामली के हनुमान धाम के पास इशिका फार्मा का निरीक्षण किया। हालांकि मंडल स्तर पर हुई इस कार्रवाई में शामली की औषधि निरीक्षक शामिल नहीं हो पाईं।
दरअसल, शामली जिले में मेडिकल स्टोर संचालकों के बीच चल रही राजनीति सुर्खियों में बनी रहती है। जिले में मेडिकल स्टोर से संबंधित दो प्रमुख गुट मौजूद हैं, जिनके द्वारा एक दूसरे की शिकायतें आलाधिकारियों से की जाती हैं। इसी के चलते पिछले दिनों शामली की औषधि निरीक्षक के खिलाफ भी आरोप प्रत्यारोप सामने आ चुके हैं। इन सब के बीच शुक्रवार को मंडल सहारनपुर से सहायक आयुक्त औषधि के आदेश पर सहारनपुर से ड्रग इंस्पेक्टर लव कुश प्रसाद व मुजफ्फरनगर से इंस्पेक्टर पवन कुमार शाक्य निरीक्षण के लिए शामली पहुंचे।
औषधि विभाग की टीमों के शामली पहुंचने की सूचना पर जिला मुख्यालय पर स्थित अधिकांश मेडिकल स्टोर के शटर गिर गए। मेडिकल स्टोर संचालक अपने शटर गिराकर टीम की कार्रवाई पर नजर बनाते दिखे। मंडल स्तर से गठित टीम संयुक्त रूप से निरीक्षण के लिए शामली के हनुमान धाम के पास स्थित इशिका फार्मा पर पहुंची। यहां पर निरीक्षक लव कुश प्रसाद ने बताया कि वे मंडल स्तरीय अधिकारी के आदेश पर निरीक्षण के लिए शामली आए हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर सिर्फ एक स्थान पर निरीक्षण के आदेश दिए गए हैं, जिसके संबंध में आवश्यक पड़ताल की जा रही है।
टीम में शामली की ड्रग इंस्पेक्टर निधि पाण्डेय के शामिल नहीं होने के सवाल पर उन्होंने बताया कि इस पर सिर्फ आलाधिकारी ही टिप्पणी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि टीम सिर्फ निरीक्षण के लिए आई है, कोई शिकायत नहीं है। सहारनपुर व मुजफ्फरनगर के औषधि निरीक्षकों ने शामली में मेडिकल स्टोर संचालकों के गुटों के बीच चल रही राजनीति व जनपद के औषधि निरीक्षण से संबंधित- आरोप-प्रत्यारोपों पर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया।
औषधि निरीक्षक सहारनपुर लवकुश प्रसाद ने बताया कि वे जब सहारनपुर में निरीक्षण करते हैं, तो वहां पर कोई मेडिकल स्टोर बंद नहीं होता, लेकिन शामली में मेडिकल स्टोर बंद होने की सूचना मिल रही है। उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालकों को अब प्रतिष्ठान बंद नहीं करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि मेडिकल स्टोर संचालक यदि सही हैं तो फिर भय कैसा? उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान बिल बाउचर मांगे गए हैं।
गौरतलब है कि शामली में नॉरकोटिक्स से संबंधित दवाइयों की अवैध बिक्री की शिकायतें भी मिलती रही हैं। पिछले दिनों जनपद में हरियाणा से भी टीम द्वारा छापेमारी की गई थी। मेडिकल स्टोरों पर नॉरकोटिक्स से संबंधित नशीली दवाइयों की खुलेआम बिक्री के मामले भी सामने आते रहते हैं।
धमाकेदार ख़बरें
