शामली। फ्री फायर गेम के माध्यम से परवान चढ़े इश्क में अंधी बंगाली युवती प्रेमी को पाने के लिए लंबी यात्रा कर कैराना पहुंची थी,जहां उसे उसका प्यार मिल गया और दोनों हंसी खुशी जिंदगी व्यतीत करने लगे। स्वजन ने युवती को भगाने के आरोप में पश्चिम बंगाल में मुकदमा दर्ज कराया तो पुलिस नाबालिग युवती की तलाश में दबिश देने पहुंच गई। युवती न मिलने के बाद उनके संभावित ठिकाने के बारे में जानकारी एकत्रित कर टीम बेरंग लौट गई।

मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला हेमताबाद रायगंज थाने में तैनात उपनिरिक्षक सुदीप कुमार देय के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल पुलिस की टीम मिशन मुक्ति फाउंडेशन दिल्ली के डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह को साथ लेकर कोतवाली पहुँची, जहां टीम ने आमद दर्ज कराने के बाद स्थानीय पुलिस व शामली उपनिरीक्षक आरती को अपने संग लेकर बंगाल से भगाई गई नाबालिग युवती की तलाश में नगर के मोहल्ला खेलखुर्द में नवाब पुत्र यूसुफ के मकान पर दबिश डाली। इस दौरान नाबालिग युवती नहीं मिली। पूछताछ के दौरान युवक के स्वजन से दिल्ली स्थित उनके होने वाले संभावित ठिकाने के बारे में जानकारी एकत्रित करने के बाद टीम यहां से रवाना हो गई।

मिशन मुक्ति फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि चार दिन पूर्व बंगाल पुलिस के आग्रह पर उपरोक्त प्रकरण को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण की अध्यक्षा प्रियंका कानूगो को प्रेषित किया गया था। जिस पर संज्ञान लेकर तुरंत एसएसपी शामली अभिषेक से संपर्क कर सहयोग मांगा गया था और कैराना में युवती के होने की लोकेशन दी गई थी, जिसके आधार पर ही टीम यहां पहुंची है। बताया कि फ्री फायर गेम मोबाइल पर खेलते हुए युवक व युवती की चैटिंग होने लगी, जिसके बाद वह नगरनिवासी नवाब के पास आ गई। गत 6 जून को युवती के स्वजन ने नाबालिग युवती को भगाने के आरोप में उत्तर दिनाजपुर ज़िला हेमताबाद के रायगंज थाना में आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

एक सप्ताह पूर्व भी पश्चिम बंगाल पुलिस ने नगर के मोहल्ला दरबार खुर्द में बंगाली युवती की बरामदगी को दबिश डाली थी। जो फेसबुक पर दोस्ती के बाद कैराना पहुंची थी। टीम को युवती नहीं मिली थी। प्रेमी के स्वजन द्वारा जनपद पानीपत में बताए गए एक स्थान से प्रेमी जोड़े को बरामद कर बंगाल पुलिस ट्रांजिट रिमांड के बाद दोनों को अपने साथ बंगाल ले गई थी।