शामली। गर्मी का मौसम शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। मच्छर के काटने से मलेरिया बुखार होने का खतरा बना रहता है। मलेरिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 32 गांव संवेदनशील श्रेणी में चयनित किए हैं। चयनित गांवों में थानाभवन ब्लॉक के अरबन थानाभवन, बुंटा, कादरगढ़, मसावी, मुल्लापुर, जगदीशपुर, जलालाबाद, बंतीखेड़ा हैं। ऊन ब्लाॅक में अरबन ऊन, लपराना, हथछोया, बसी, गागौर, नौनांगली, मुंडेट, भमेड़ी शाहपुर, पांथुपुरा, ढिंढाली, बहेड़ा, नया गांव, राझड़ व ताना, कुड़ाना ब्लाॅक में बनत, लिसाढ़ व बलवा, कैराना ब्लाॅक में टिटौली, बधेव, सुनेहटी, कांधला ब्लाॅक में अरबन कांधला व खंदरावली और शामली ब्लाॅक में अरबन शामली को चिह्नित किया गया है।

पिछले साल जिले में मलेरिया के 65 केस मिले थे। इनमें ऊन ब्लाॅक में सबसे ज्यादा 29 केस मिले थे। इसके अलावा थानाभवन ब्लाॅक में 12, कुड़ाना ब्लाॅक में तीन, कैराना ब्लाॅक में चार, कांधला में तीन और शामली अरबन में मलेरिया के 14 मरीज मिले थे। स्वास्थ्य विभाग ने इस साल इन गांवों की निगरानी शुरू कर दी है। ऊन ब्लाक में सबसे ज्यादा केस मिलने के कारण स्वास्थ्य विभाग का सबसे ज्यादा फोकस इसी ब्लाक के गांवों पर रहेगा।

साथ ही शासन से संवेदनशील ग्रामों में छिड़काव के लिए दवा आदि के लिए शासन से बजट की मांग की जाएगी। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि संवेदनशील गांवों में मलेरिया से बचाव के लिए ग्रामीणों को जानकारी देकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा कीटनाशक दवा का छिड़काव समय-समय पर कराया जाएगा।