शामली। जिले में प्रस्तावित केंद्रीय विद्यालय के निर्माण को भूमि चयन के एक साल बाद भी हरी झंडी नहीं मिली है। जबकि भूमि चिह्नित कर एक साल पहले शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया था।
भाजपा के सांसद प्रदीप चौधरी ने वर्ष 2019 में जिले में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना किए जाने का लोकसभा में उठाया था। सांसद के अनुरोध पर जिला प्रशासन की ओर से केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि की तलाश की गई। काफी भागदौड़ के बाद केंद्रीय विद्यालय के लिए भैंसवाल में भूमि चिह्नित की गई थी। एक साल पहले भैंसवाल गांव के जंगल में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए 2.0242 हेक्टेयर भूमि का प्रस्ताव तैयार प्रदेश सरकार को भेजा गया था। वहां से इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेज दिया गया। केंद्र सरकार के स्तर पर केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए भूमि का प्रस्ताव लंबित है।
डीआईओएस सरदार सिंह ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय की भूमि के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार स्तर पर कार्रवाई चल रही है। सीडीओ शंभूनाथ तिवारी का कहना है कि भैंसवाल गांव में 2.0242 हेक्टेयर भूमि में केंद्रीय विद्यालय के लिए आरक्षित करते हुए उत्तर प्रदेश शासन को एक साल पहले प्रस्ताव भिजवाया गया था। प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया था। कैराना सांसद प्रदीप चौधरी का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि की स्वीकृति के बाद केंद्र सरकार से बजट स्वीकृत कराया जाएगा। केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति मिलने के बाद इसे अस्थाई रूप से जिला मुख्यालय स्थित भवन में संचालित कराया जाएगा।