शामली। हर साल की तरह इस साल भी ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस बार रेलवे ने शामली से होकर जाने वाली एक ही कांवड़ स्पेशल ट्रेन चलाई है, जिसके कारण हरिद्वार जाने वाले शिवभक्तों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि शामली, टपरी, सहारनपुर समेत विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर प्रतिदिन दोपहर को 12 बजे जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में सफर करने से हजारों यात्री वंचित रह जाते हैं। जबकि कई को ट्रेन के पायदान पर बैठकर भी यात्रा करने को मजबूर होना पड़ता है। यात्री पिछली बार की तरह इस बार भी लगातार दूसरी कांवड़ स्पेशल ट्रेन को चलाए जाने की मांग कर रहे हैं। शामली से प्रतिदिन दोपहर के समय दिल्ली से हरिद्वार के लिए जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में शिवभक्तों को हो रही परेशानी को जानने के लिए संवाददाता ने शामली रेलवे स्टेशन से हरिद्वार तक 14305 ट्रेन में यात्रा की। पड़ताल के दौरान कुछ इस तरह का नजारा देखने को मिला….

यहां पर प्लेटफार्म नंबर 03 पर ट्रेन आने के लिए रेलवे प्रशासन की तरफ से लाउडस्पीकर के माध्यम से यात्रियों को सूचना दी गई। स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ इतनी थी कि चारों तरफ यात्री ही नजर आ रहे थे, जिनमें अधिकतर संख्या शिवभक्तों की थी। कई शिवभक्त पहले ट्रेन में चढ़ने के प्रयास में रेलवे ट्रैक पर बैठकर भी ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे।

जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर आकर रुकी तो यात्रियों में ट्रेन में चढ़ने की आपाधापी मच गई। दो यात्री तो गिर भी पड़े। भीड़ अधिक होने के कारण कई यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ सके तथा यात्रा से वंचित रह गए।

बाेगी यात्रियों से पूरी तरह से भरी हुई थी। आलम यह था कि यात्रियों को एक पैर पर खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर होना पड़ रहा था। सबसे अधिक परेशानी महिला यात्रियों को हो रही थी। बड़ौत की महिला यात्री सुदेश और मनोरमा ने बताया कि वह बड़ौत से ही खड़े होकर ट्रेन में आ रही है। रेलवे को जल्दी ही एक और कांवड़ स्पेशल ट्रेन चलानी चाहिए। पूछने पर कई यात्रियों ने बताया कि वह बिना टिकट की यात्रा कर रहे हैं। जिससे रेलवे को भी राजस्व की हानि हो रही है।

शामली का ही रहने वाला एक शिवभक्त बोगी में खिड़की के पास पैर लटकाकर बैठ गया। कहने के बावजूद अंदर नहीं जा रहा था। जिसके कारण भी यात्रियों को परेशानी हुई।

यहां पर भी यात्रियों की भीड़ उमड़ी हुई थी। ट्रेन रुकते ही कई यात्री उसमें सवार हो गए, मगर कई भीड़ अधिक होने के कारण सवार नहीं हो सके। यहां पर भी सुरक्षा की दृष्टि से जीआरपी और आरपीएफ के जवान तैनात थे। बराबर में ही उपचार के लिए मेडिकल टीम को भी तैनात किया गया था।

ट्रेन में शिवभक्त बोल-बम, बम-बम का बार-बार जयघोष कर रहे थे। दो बुजुर्ग ट्रेन में चढ़ तो गए तो मगर भीड़ के कारण बोगी में आगे नहीं जा पा रहे थे। युवा शिवभक्त ने उन्हें जगह दिलाई। सभी सफर काटने के लिए एक दूसरे से हंसी मजाक भी कर रहे थे।

ट्रेन में सफर कर रहे ऊंचा गांव के रहने वाले सुमित ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए जल्द से जल्द रेलवे को एक और ट्रेन चलानी चाहिए। साथ ही ट्रेनों के अंदर भी जवान तैनात हो।

जिड़ाना गांव के रहने वाले विपिन ने कहा कि शामली से ही वह ट्रेन में खड़े होकर यात्रा कर रहे हैं। उनके साथ 10 और साथी हैं। मगर रेलवे को यात्रियों की सुविधा से कोई लेना देना नहीं। सिर्फ किराया लेने से मतलब है।

जिड़ाना गांव के ही रहने वाले शुभम का कहना है कि यदि एक ट्रेन और चलवा दी जाए तो जो यात्री ट्रेन यात्रा से वंचित है , वह भी सफर कर सकेंगे। जल्द एक और ट्रेन रेलवे को चलानी चाहिए। प्रतिदिन हरिद्वार को जाने वाली ट्रेनें दो से लेकर तीन घंटे देरी से पहुंच रही है।

शिवभक्तों की भीड़ को देखते हुए अधिकारियों को एक और कांवड़ स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। अभी ट्रेन को चलाने के संबंध में कोई आदेश नहीं आया है।

शामली के जीआरपी थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंधू ने कांवड़ियों की अधिक संख्या को देखते हुए एक ओर कांवड़ स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए जीआरपी के अधिकारियों को पत्र भेजा था। मगर अभी तक ट्रेन चलाने की तरफ रेलवे ने कोई ध्यान नहीं दिया है, जबकि शिवरात्रि 15 जुलाई को है यानी पांच दिन ही शिवरात्रि में शेष बचे हैं। हालांकि, रात में कांवड़ स्पेशल के नाम से एक अन्य ट्रेन का संचालन किया जा रहा है।