गाजियाबाद : डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि सोमवार को गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत और शामली की 500 महिला अभ्यर्थियों की दौड़ कराई गई। दौड़ में 479 अभ्यर्थियों ने भाग लिया, जबकि 21 अनुपस्थित रहीं। 2400 मीटर की दौड़ पूरी करने की समयावधि 14 मिनट निर्धारित है।
शारीरिक मापतौल और दस्तावेज परीक्षण के बाद सोमवार से महिला अभ्यर्थियों की दौड़ शुरू हो गई है। सोमवार को आरक्षी पद के लिए 500 महिला अभ्यर्थियों को दौड़ के लिए गोविंदपुरम स्थित पीएसी की 44वीं बटालियन परिसर में बुलाया गया। 500 में से 479 अभ्यर्थियों ने दौड़ में भाग लिया। इनमें से 21 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहीं। जबकि दौड़ के दौरान तीन अभ्यर्थी बेहोश हो गई। जिन्हें एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया गया और उपचार के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि सोमवार को गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत और शामली की 500 महिला अभ्यर्थियों की दौड़ कराई गई। दौड़ में 479 अभ्यर्थियों ने भाग लिया, जबकि 21 अनुपस्थित रहीं। 2400 मीटर की दौड़ पूरी करने की समयावधि 14 मिनट निर्धारित है। 150-150 की संख्या में दौड़ कराई गई। निर्धारित समयावधि में 354 महिला अभ्यर्थियों ने दौड़ पूरी की जबकि 125 असफल रहीं। तीन अभ्यर्थी दौड़ के दौरान बेहोश हो गईं।
उन्होंने बताया कि मंगलवार और बुधवार को भी महिला अभ्यर्थियों की दौड़ होगी। करीब दो हजार अभ्यर्थी दौड़ में शामिल होंगी। गौरतलब है कि बीते साल 26 दिसंबर को पुलिस लाइन में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत और शामली के 23,086 महिला और पुरुष अभ्यर्थियों के शारीरिक मापतौल और शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच हुई। इसमें से 13954 महिला और पुरुष अभ्यर्थी सफल रहे। अब इनकी दौड़ कराई जा रही है।
गोविंदपुरम स्थित 44वीं पीएसी बटालियन परिसर के बाहर टहल रहे ओमवीर सिंह ने बताया कि वह गांव कसेरुआ कलां जनपद शामली के निवासी हैं। बताया कि उनका बड़ा बेटा संजय कुमार दिल्ली पुलिस में है और उनकी दो बेटियां यूपी पुलिस की तैयारी कर रही हैं। अंदर दौड़ लगाने गई हैं, जीतकर ही लौटेंगी। बताया कि उनके छोटे भाई का एक बेटा सेना में है और एक यूपी पुलिस में। उनके परिवार में पांच लोग सेना, दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस में देश सेवा कर रहे हैं। इसी दौरान गेट से निकली उनकी दोनों बेटी दीपांशी और प्राची पिता ओमवीर सिंह से आकर लिपट गईं। प्राची ने बताया कि पापा दौड़ पूरी कर ली। जबकि दीपांशी मुझसे 11 सेकंड पहले पहुंच गई।
दौड़ पूरी करने पर बोली बेटियां
काफी दिनों से तैयारी कर रहे हैं। सुबह-शाम चार से पांच किमी तक दौड़ का अभ्यास कर रही हूं। गांव की कोई अन्य लड़की सुबह उठने में आलस करती हैं तो पिता के साथ सड़क पर जाकर दौड़ लगाती हूं। पिता साइकिल पर रहते हैं। 13 मिनट 50 सेकंड में दौड़ पूरी कर ली। – मनु, अतरौली, पिलखुआ।
हम दोनों बहने एक साथ अभ्यास कर रही थीं, मैंने 12.33 मिनट में दौड़ पूरी की है। दौड़ते समय जब पापा दीवार से झांक रहे थे तो मैंने अपनी गति और बढ़ा दी। इसीलिए डेढ़ मिनट पहले दौड़ पूरी कर ली। सिपाही बन दारोगा बनने का सपना है। – दीपांशी, कसेरुआं कलां, शामली।
दौड़ काफी व्यवस्थित ढंग से हुई है। पूरा समय मिला और आराम से तय समय में दौड़ पूरी कर ली। 13.46 मिनट में दौड़ पूरी की है। जिन अभ्यर्थियों ने अभ्यास नहीं किया केवल वह ही दौड़ में असफल रही हैं। देश सेवा के लिए फोर्स में जाने का सपना है इसलिए प्रयास कर रही हूं। -अंजली, शाहदरा।
मेरी अभी बीए की पढ़ाई जारी है, सिपाही बनकर देश सेवा करुंगी। मेरे परिवार में पुलिस और सेना में कई सदस्य हैं। उनसे देश सेवा की सीख मिलती है। गांव में शिक्षा के अधिक अवसर नहीं हैं, नौकरी लगी तो पढ़ाई जारी रखूंगी। – प्राची, कसेरुआ कलां, शामली।